Patna: Bihar Politics: राजनीति (Politics) में कौन कब क्या बोल दे और उसी बात से फिर वापस लौट जाए ये कहना बड़ा मुश्किल है. जनता किस नेता पर कितना भरोसा करे जनता खुद कन्फ्यूज है की नेता सब पर क्या भरोसा करे हम बात करते है हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा (Hindustan Awam Morcha) के प्रमुख जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के जीतनराम मांझी ने इसी साल 27 फरवरी 2023 को विधानमंडल (Legislature) दल की बैठक में कहा था, ”कसम खाकर कहता हूं, CM नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का साथ छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा.” जीतनराम मांझी के इस कसम के 107 दिन बाद उनके बेटे और हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन मांझी (Santosh Suman Manjhi) ने नीतीश की कैबिनेट से इस्तीफा (Resignation from Nitish’s cabinet) दे दिया है. संतोष सुमन मांझी बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री थे. संतोष सुमन ने इस्तीफा (Resignation) देने के बाद नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वे पार्टी का विलय जदयू में करने का दबाव डाल रहे थे. हालांकि, उन्होंने कहा कि वे अभी भी महागठबंधन में ही रहना चाहते हैं.
CM नीतीश कुमार ने पिछले साल बीजेपी (BJP) का साथ छोड़कर राजद-कांग्रेस (RJD-Congress) के साथ मिलकर महागठबंधन की सरकार बनाई थी. महागठबंधन सरकार में वाम दलों ने बाहर से समर्थन दिया है. वहीं, हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा ने 2020 विधानसभा का चुनाव CM नीतीश कुमार के साथ मिलकर लड़ा था. ऐसे में वह भी CM नीतीश कुमार के साथ महागठबंधन में शामिल हो गए थे. जीतनराम मांझी की पार्टी के 4 विधायक हैं. और उनके बेटे संतोष मांझी को महागठबंधन सरकार में मंत्री बनाया गया था.
जीतनराम मांझी को क्यों खानी पड़ी थी कसम?
आप को बता दे की CM नीतीश कुमार ने एक रैली में कहा था कि आजकल जीतनराम मांझी पर बीजेपी की नजर है. CM ने आगे कहा था, ‘अब जीतनराम मांझी जी पर लगा हुआ है, अब मांझी जी को इधर-उधर नहीं करना है. हमी लोग उनको आगे बढ़वा देंगे.’ CM नीतीश कुमार के इस बयान के बाद महागठबंधन विधानमंडल दल की बैठक में जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार को भरोसा दिया था कि वे मुख्यमंत्री का साथ छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले.
CM नीतीश कुमार से नाराज हैं जीतनराम मांझी
जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन मांझी ने कहा हो कि वे महागठबंधन में रहना चाहते हैं. लेकिन खबर ये है कि जीतनराम मांझी CM नीतीश कुमार से नाराज चल रहे हैं. दरअसल, CM नीतीश कुमार ने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक बुलाई है. इस बैठक में राहुल गांधी से लेकर मलिकार्जुन खरगे और अखिलेश यादव, केजरीवाल, ममता बनर्जी, स्टालिन समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे. लेकिन CM नीतीश कुमार ने इस बैठक का न्योता महागठबंधन में अपने सहयोगी जीतन राम मांझी को नहीं भेजा है.
जीतनराम मांझी ने की थी CM नीतीश कुमार से मुलाकात
इससे पहले जीतनराम मांझी ने CM नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. इस दौरान उनके बेटे हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन मांझी भी मौजूद थे. तब उन्होंने CM नीतीश कुमार के सामने मांग रखी थी कि उनकी पार्टी 5 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. CM नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद जीतनराम मांझी ने कहा था कि हम गठबंधन के तहत सूबे की 5 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. हमारी पार्टी के लिए बिहार में 5 लोकसभा सीटें भी कम हैं.उन्होंने कहा कि हम जिधर रहेंगे, उधर जीतेंगे. ये सभी को पता है. हालांकि, बाद में उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी एक भी लोकसभा सीट पर चुनाव नहीं लड़ेगी.