Army Day History: साल 1949 में जनरल के.एम. करिअप्पा (General K.M. Cariappa) ने भारत के पहले सेना प्रमुख (Army) का पदभार संभाला था। यह एक ऐतिहासिक क्षण था। पहली बार भारतीय सेना (Indian Army) की कमान किसी भारतीय के हाथ में आई थी। ब्रिटिश राज के बाद यह भारत के सैन्य इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। जनरल करिअप्पा ने 15 जनवरी को भारतीय सेना की कमान संभाली थी। इसलिए इस दिन को हर साल भारतीय सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सेना दिवस (Army Day) पर दिल्ली के करिअप्पा परेड ग्राउंड में भव्य परेड का भी आयोजन किया जाता है। इसमें सेना अपने आधुनिक हथियारों और उपकरणों का प्रदर्शन करती है। सैन्य अभ्यास, सांस्कृतिक कार्यक्रम और वीरता पुरस्कार भी दिए जाते हैं।
कई कार्यक्रम आयोजित
सेना दिवस पर देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जो शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं। इन कार्यक्रमों के जरिए नागरिकों और सेना के बीच एक खास रिश्ता कायम होता है।
सेना दिवस हमें सैनिकों के अनगिनत बलिदानों की याद दिलाता है। यह उत्सव का दिन भी है, जब हम अपने सैनिकों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। सेना दिवस 2025 पर, आइए हम अपने सैनिकों के साथ खड़े हों और उनके आदर्शों पर चलने का प्रयास करें।
भारतीय सेना दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं में से एक है। यह हमारी सीमाओं की रक्षा करती है और अंतरराष्ट्रीय शांति अभियानों में भी भाग लेती है। सेना हमेशा देश की सेवा के लिए तैयार रहती है, जो उसकी निष्ठा और समर्पण को दर्शाता है।
सेना दिवस उन बहादुर सैनिकों के बलिदान को याद करने का दिन है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। यह दिन सेना के साहस और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। यह देश की सुरक्षा के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
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