Bihar Politics: बिहार के राजनीति के लिए आज का दिन बहुत बड़ा है। बिहार में सरकार बनाने को लेकर विधानसभा में NDA सरकार को बहुमत साबित करना है। लेकिन फ्लोर टेस्ट से पहले RJD को झटका लगा है। RJD के 3 विधायक चेतन आनंद (Chetan Anand), प्रहलाद यादव (Prahlad Yadav) और नीलम देवी (Neelam Devi) ने आखिरी वक्त में तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को धोखा दे दिया। तीनों विधायक CM नीतीश कुमार के पाले में बैठे नजर आए। 3 विधायकों की बिहार की राजनीति में अच्छी पकड़ हैं।
चेतन आनंद (Chetan Anand)
पूर्व सांसद और विधायक आनंद मोहन सिंह और लवली आनंद के बेटे हैं चेतन आनंद। आनंद ने अपने आधिकारिक राजनीतिक करियर की शुरुआत जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से छात्र विंग के अध्यक्ष के रूप में की थी। इसके बाद 2020 में उन्होंने RJD का हाथ थामा और शिवहर से विधायक चुने गए।
प्रह्लाद यादव (Prahlad Yadav)
प्रह्लाद यादव ने राजनीति की शुरुआत 1980 में कम्युनिस्ट आंदोलन से की थी। वह RJD के अध्यक्ष के रूप में भी काम किए हैं, इस समय वे लखीसराय़ से RJD के विधायक हैं। प्रह्लाद यादव 1995 में पहली बार विधायक चुने गए थे और लालु यादव के करीबी माने जाते हैं।
नीलम देवी (Neelam Devi)
बिहार के बाहुबलि नेता अनंत सिहं की पत्नी है नीलम देवी (Neelam Devi)। अनंत कुमार सिंह को विधायक के लिए अयोग्य ठहराए जाने के बाद उन्हें 2022 के उपचुनाव में विधायक चुना गया था। देवी ने RJD के सिंबल पर चुनाव लड़ा था। इससे पहले नीलम देवी ने 2019 में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करते हुए मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से भी चुनाव लड़ा था। नीलम देवी का जन्म पटना के बाढ़ गांव में हुआ है और उन्होंने 8वी कक्षा तक ही पढ़ाई की है।
NDA में क्यों गए नीतीश कुमार ?
नीतीश कुमार ने RJD का साथ छोड़ NDA में शामिल हो गए। लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार का BJP के साथ जाना उनकी पार्टी को बड़ा फायदा मिल सकता है। राजनीति जानकारों के मुताबिक वह अब लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार पाएंगे। इसके अलावा बिहार में सभी काम का वो अकेले क्रेडिट ले सकेंगे। साथ ही RJD में आने के बाद बिखर चुके अपने कार्यकर्ताओं को भी एकजुट कर सकेंगे।
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