Kisan: “किसान” को अन्नदाता कहा जाता है। किसान को अन्नदाता इसलिए कहा जाता है क्योंकि लोग अपना या अपने परिवार का पेट भरने के लिए काम करते हैं, लेकिन किसान सिर्फ दूसरों का पेट भरने के लिए काम करता है।
“देश मेरा ऐसा है जहाँ किसान की ज़रुरत सबको है पर किसानों की ज़रुरत का ख़याल किसी को नहीं है।”
“भगवान का सौदा करता हैं, इंसान की क़ीमत क्या जाने? जो “धान” की क़ीमत दे न सके, वो “जान” की क़ीमत क्या जाने?”
“मिल जाए मौका जब सियासत करने से तो रोक लेना अपने देश के किसानों को मरने से।”
“चीर के जमीन को मैं उम्मीद बोता हूँ, मैं किसान हूँ, चैन से कहाँ सोता हूँ।”
“किसानो से अब कहाँ वो मुलाकात करते हैं, बस ऱोज नये ख्वाबो की बात करते हैं।”
“उसका घर कच्चा है पर फिर भी वो किसान बारिश का इंतज़ार बेसब्री से कर रहा है।”
“किसान का जीवन सबसे आदर्श जीवन होता हैं, जिसमे परिश्रम, त्याग और संतोष होता है।”
“तन के कपड़े भी फट जाते है, तब कहीं एक फसल लहलहाती है। और लोग कहते है किसान के जिस्म से पसीने की बदबू आती है।”
“इस दुनिया को खिलाने वाला बाप है मेरा, और मुझे अपने पिता के किसान होने पर गर्व है।”
“एक कहावत हैं, “उत्तम करे कृषि, मध्यम करे व्यापार और सबसे छोटे करे नौकरी”
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