Bihar Niyojit Teachers Protest: बिहार में सक्षमता परीक्षा को लेकर नियोजित शिक्षकों ने अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। नियोजित शिक्षकों ने ऐलान किया है की 13 फरवरी को बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई ठप रहेगी। पुरे बिहार के नियोजित शिक्षक पटना में इस दिन प्रदर्शन और सक्षमता परीक्षा के खिलाफ आंदोलन करेंगे। पूरा मामला शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा (sakshamta pariksha) से जुड़ा है। इस परीक्षा के विरोध में और सरकार के नियमों के खिलाफ लाखों शिक्षक गोलबंद हो गए हैं। सरकार को शिक्षक संघ ने इस प्रकरण को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। दरअसल नियोजित शिक्षकों का कहना है कि परीक्षा में फेल होने पर सेवा से हटाने का फैसला सरकार को वापस लेना होगा।
नियोजित शिक्षकों (niyojit shikshak) ने सक्षमता परीक्षा के जरिए ऐच्छिक स्थानांतरण की मांग की और कहा कि जबरन ट्रांसफर करना और सेवा से हटाना असंवैधानिक है। शिक्षक नेताओं ने कहा कि अब आरपार की लड़ाई होगी। सरकार की गोली से भी नियोजित शिक्षक नहीं डरने वाले हैं। नियोजित शिक्षकों (niyojit shikshak) का कहना है कि सिर में कफन बांधकर लाखों शिक्षक 13 फरवरी (13 February) को विधानसभा (vidhan sabha) का घेराव करेंगे. शिक्षा विभाग की करतूतों से परेशान होकर हम सब ने निर्णय लिया है कि कोई भी नियोजित शिक्षक परीक्षा में शामिल नहीं होंगे।
आप को बता दे की बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों ((niyojit shikshak)) के लिए पहली सक्षमता परीक्षा (sakshamta pariksha) 26 फरवरी से आयोजित करने का निर्णय लिया है। शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा में पास होने के लिए 3 मौके दिए जाएंगे। 26 फरवरी को होनी वाली पहली सक्षमता परीक्षा एवं उसका परिणाम घोषित करने के बाद 3 चरणों में लगातार परीक्षाएं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा ली जाएंगी, जो शिक्षक इन चारों चरण में होने वाली परीक्षाओं में से 3 चरणों की परीक्षा में नहीं बैठते हैं या फिर 3 से कम चरणों में बैठते हैं या 3 चरणों की परीक्षा में बैठने के बाद पास नहीं होते हैं, तो उन सभी स्थानीय निकाय शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी। बिहार के करीब 4 लाख नियोजित शिक्षक सरकार के इसी फैसले का विरोध कर रहे हैं।
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