Lalu Yadav: RJD MLC प्रो. रामबली सिंह चंद्रवंशी की सदस्यता रद्द, लालू यादव के खिलाफ दिया था ब्यान

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Lalu Yadav: RJD सुप्रीमो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव (Lalu Yadav) के खिलाफ बयानबाजी करना RJD MLC प्रो. रामबली चंद्रवंशी को बहुत महंगा पड़ गया। एमएलसी रामबली चंद्रवंशी की विधान परिषद (Legislative Assembly) से सदस्यता समाप्त कर दी गई है। सभापति देवेशचंद्र ठाकुर ने मंगलवार को उनकी सदस्यता समाप्त करने से संबंधित फैसले पर मुहर लगा दी। विधान परिषद के स्तर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। 16 जनवरी 2024 को इस मामले की अंतिम सुनवाई हुई थी। सभापति ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। इसी दिन RJD MLC रामबली चंद्रवंशी ने अपना पक्ष भी सभापति के समक्ष रखा था। उनके खिलाफ यह कार्रवाई संविधान (Constitution) के अनुच्छेद 191 (2) और संविधान की 10वीं अनुसूची के अलावा बिहार विधान परिषद दल विरोधी नियम के प्रावधानों के अंतर्गत की गई है।

RJD एमएलसी रामबली चंद्रवंशी ने लालू प्रसाद यादव और पार्टी की विचारधारा के खिलाफ निरंतर बयानबाजी करने का आरोप है। लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को अतिपिछड़ा विरोधी बताया था। उन्होंने जाति आधारित गणना का भी विरोध किया था और इसके खिलाफ भी लगातार बयान दे रहे थे। उनके इस रवैये खिलाफ RJD विधान पार्षद और पार्टी के तत्कालीन उप-मुख्य सचेतक सुनील सिंह ने 2 नवंबर 2023 को याचिका दायर की थी। इसे स्वीकार करते हुए पूरे मामले की सुनवाई परिषद के सभापति ने शुरू की थी।

सभापति से शिकायत के बाद उन्होंने कहा था कि महागठबंधन के नेताओं को उनके नाम में ‘राम’ शब्द से चिढ़ है। RJD के बारे में कहा था कि यह पार्टी राममनोहर लोहिया और कर्पूरी ठाकुर के विचारों से प्रेरित होकर बनी थी, लेकिन अब इनकी यह विचारधारा बदल गई है। उन्होंने यह भी कहा था कि वे समाज के हित में अपने विचारों को लगातार बुलंद करते रहेंगे। अगर RJD उनकी इस गतिविधि को पार्टी विरोधी समझती है, तो वे RJD की परवाह नहीं करते हैं।

अतिपिछड़ा विरोधी है RJD: BJP
विधान पार्षद प्रो. रामबली सिंह चंद्रवंशी की सदस्यता समाप्त होने के मसले पर JP ने RJD पर अतिपिछड़ा विरोधी होने का आरोप लगाया है। मंगलवार को जारी बयान में विधान पार्षद डॉ प्रमोद चंद्रवंशी ने कहा कि RJD एक परिवार की पार्टी बनकर रह गई है। RJD की नीतियां सम्पूर्ण रूप से अतिपिछड़ी विरोधी है। अतिपिछड़ी जाति से आने वाले सदस्य की सदस्यता इसलिए समाप्त करवाई गई क्योंकि उन्होंने अतिपिछड़ा वर्ग के हितों की बात की थी। यह दिखाता है कि RJD किस हद तक अतिपिछड़ा विरोधी है।

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