Muslim Country: मुस्लिम देश ने उठाने जा रही है एक बड़ा कदम। इराक (Iraq) में एक नया कानून बनाने की कोशिश की जा रही है, जिसके तहत लड़कियों (girls) को सिर्फ 9 साल की उम्र में और लड़कों (boys) को 15 साल की उम्र में शादी (marry) करने की इजाजत होगी। इस प्रस्ताव पर फिलहाल इराकी संसद (Iraqi Parliament) में चर्चा हो रही है। मानवाधिकार संगठनों और कार्यकर्ताओं ने इस मामले को काफी बुरा माना है, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह महिलाओं के अधिकारों के लिए बड़ा खतरा है।
इस कानून के मुताबिक, शादी करने वाले जोड़े को यह तय करना होगा कि उनकी शादी में सुन्नी या शिया धर्म के नियम लागू होंगे या नहीं। अगर दोनों की राय अलग-अलग है, तो पति की राय मानी जाएगी, जब तक कि यह साबित न हो जाए कि वह गलत है। इसके अलावा, यह कानून शादियों को मंजूरी देने के अधिकार को अदालतों से छीनकर धार्मिक कार्यालयों, खासकर शिया और सुन्नी धार्मिक नेताओं के हाथों में चला जाएगा। मौजूदा व्यवस्था में यह एक बड़ा बदलाव होगा।
यह कानून जाफरी कानून पर आधारित है, जो शिया धर्म की शिक्षाओं से निकला है और बहुत कम उम्र की लड़कियों और लड़कों की शादी की इजाजत देता है। प्रस्ताव का यह पहलू कई लोगों को चिंतित कर रहा है, क्योंकि इससे इराक में बाल विवाह की पहले से ही उच्च दर और बढ़ सकती है। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, इराक में 28% लड़कियों की शादी 18 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है, और यह कानून इस संख्या को और बढ़ा सकता है।
जुलाई में विरोध के कारण विधेयक को कुछ समय के लिए वापस ले लिया गया था, लेकिन अगस्त की शुरुआत में संसद में कुछ शक्तिशाली समूहों के समर्थन से इसे फिर से पेश किया गया। मानवाधिकार समूहों के विरोध और चेतावनियों के बावजूद, विधेयक पर अभी भी विचार किया जा रहा है।