Suhani Bhatnagar Death: आमिर खान की फिल्म दंगल की छोटी बबीता सुहानी भटनागर का 19 की उम्र में शनिवार सुबह दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में निधन हो गया। सुहानी का राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित अजरौंदा श्मशान घाट में विधिवत रूप से दाह संस्कार किया गया। सुहानी भटनागर (Suhani Bhatnagar) के परिजन समेत पूरे फरीदाबाद ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी। 2 महीना पहले ही अचानक सुहानी भटनागर के शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने लगे और डर्मेटोमायोसिटिस बीमारी से पीड़ित होकर शरीर के अंगों में पानी भरने और फेफड़े खराब होने से सुहानी भटनागर (Suhani Bhatnagar) की मौत हो गई। सुहानी भटनागर के माता-पिता अपनी बेटी के जाने से काफी दुःखी हैं। हालांकि, उन्हें अपनी बेटी पर फक्र है कि उनकी बेटी ने छोटी सी उम्र में अकेला अपना नहीं, बल्कि फरीदाबाद का भी नाम रोशन किया।
सेक्टर 17 निवासी सुहानी भटनागर ने अपने करियर की शुरुआत दंगल फिल्म से दंगल गर्ल के किरदार के रूप में की थी। शनिवार सुबह जैसे ही सुहानी के निधन की सूचना शहरवासियों को मिली लोग शोक में डूब गए। आसपास के लोग सुहानी के परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए पहुंचने लगे। इस मौके पर सुहानी के माता-पिता ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनकी बेटी ने महज 6 साल की उम्र में दंगल फिल्म की थी। जिसके बाद से उनकी बेटी को लोग दंगल गर्ल के नाम से जाने लगे थे।
मां पूजा भटनागर ने बताया कि उनकी बेटी को शुरू से मॉडलिंग और एक्टिंग करने का शौक था। इसी के चलते उनकी बेटी को दिल्ली में इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। जहां पर 1000 बच्चों में से उनकी बेटी के साथ-साथ एक और बच्ची का चयन हुआ था। जिसके बाद बेटी ने दंगल फिल्म में बबीता फोगाट का रोल अदा किया था। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी को एक्टिंग का शौक था बावजूद उसके उसने मास कम्युनिकेशन (जर्नलिज्म) (Mass Communication Journalism) को चुना था। वह फरीदाबाद (Faridabad) की मानव रचना शिक्षण संस्थान में द्वितीय वर्ष में पढ़ रही थी। उसका सपना था कि वह पढ़ाई के बाद अपने एक्टिंग के करियर को आगे बढ़ाएगी, लेकिन उनकी बेटी का सपना पूरा नहीं हो पाया। उनकी मौत से पूरा परिवार बेहद दुखी है।
2 महीना पहले ही हुई थी डर्मेटो मायोसाइटिस (dermatomyositis) नामक बीमारी
सुहानी भटनागर (Suhani Bhatnagar) के पिता पुनीत भटनागर ने बताया कि बेटी को डर्मेटो मायोसाइटिस (dermatomyositis) बीमारी थी। 2 महीना पहले बेटी के हाथ पर लाल दाग हो गया था। उन्हें लगा कि बेटी को एलर्जी हुई है जिसके बाद उन्होंने फरीदाबाद के कई बड़े अस्पतालों में इलाज कराया, लेकिन के किसी भी अस्पताल के डॉक्टर बीमारी को नहीं पकड़ पाए। जब हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो बीते मंगलवार को उन्होंने अपनी बेटी को दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज की भर्ती कराया था, लेकिन वहां भी उनकी बेटी की हालत में सुधार नहीं हुआ और धीरे-धीरे शरीर में पानी भरने लगा। इसके चलते फेफड़े खराब हो गए और इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
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