Bihar Politics: बिहार में नीतीश सरकार (Nitish government) को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) से मंगलवार को बड़ी राहत मिली है जातीय जनगणना (caste enumeration) से सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। पटना हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। महागठबंधन सरकार को इस मामले में बड़ी राहत मिली है। बिहार में जातीय जनगणना फिर से शुरू होगा।
Patna High Court dismissed the petitions challenging Bihar Government's Caste based survey. pic.twitter.com/dzRYYMxTKs
— ANI (@ANI) August 1, 2023
पटना हाईकोर्ट ने बीते 4 मई को जातीय जनगणना (caste census) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इसपर अस्थायी रोक लगाई थी। हालांकि, अब अदालत से महागठबंधन सरकार को हरी झंडी मिल गई है। पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार के जातीय जनगणना (caste census) कराने के फैसले को सही करार दिया है।
जातीय गणना के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज किया है उसका स्वागत है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा जातीय गणना रोकने का षडयंत्र विफल हुआ और जातीय गणना का रास्ता प्रशस्त हुआ। जातीय गणना राज्य हित में है और यह पूरे देश में होना चाहिए।#CasteCensus
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) August 1, 2023
जातिगत आंकड़ों के खिलाफ याचिकाओं पर पिछले महीने लगातार पांच दिनों तक पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट ने 7 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सभी को पटना हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार था. मंगलवार को हाई कोर्ट ने करीब 100 पेज का आदेश जारी किया. मुख्य मुद्दा यह है कि पटना हाई कोर्ट ने उन सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें रोक लगाने की मांग की गई थी, जिसमें तर्क दिया गया था कि जाति जनगणना का काम केवल केंद्र (Central) के लिए है, राज्य (State) के लिए नहीं.
जाति आधारित गणना के पक्ष में हाईकोर्ट का फैसला साबित करता है कि मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar जी की दूरदर्शी सोच, जो सबके हित में जातिगत गणना करवाने की मुहिम की शुरूआत की थी।
– हमारे समाज में जाति और प्रत्येक जाति से जुड़े कई तरह के भ्रम विद्यमान हैं। उनके टूटने के लिए जातिवार… pic.twitter.com/6Rhp61EM1q
— Janata Dal (United) (@Jduonline) August 1, 2023
नीतीश सरकार Nitish government) ने पिछले साल बिहार में जातीय जनगणना (caste census) कराने का नोटिफिकेशन (Notification) जारी किया था। इसके बाद जनवरी 2023 में इस पर काम शुरू हुआ। जातीय जनगणना (caste census) को 2 चरणों में किया गया। पहला चरण January में तो दूसरा April में शुरू हुआ।
जातीय गणना पर उच्च न्यायालय के निर्णय का हम स्वागत करते हैं।राज्य सरकार ने प्रारंभ में ही अच्छी तरह बहस की होती तो यह नौबत नहीं आती।बीजेपी सरकार ने ही बिहार में जातीय गणना का फ़ैसला लिया था ।@ANI @News18Bihar @ABPNews @aajtak
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) August 1, 2023
दूसरे चरण के दौरान पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने जातीय जनगणना (caste census) पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी। जिससे बिहार में जातीय जनगणना (caste census) पर काम रुक गया। साथ ही पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के आदेश पर तब तक इकट्ठा किए गए जातीय जनगणना को संरक्षित रखा गया।