Manmohan Singh: स्मारक पर राजनीति, पूर्व PM के समाधि स्थल पर कैसे होता है फैसला, क्या हैं नियम?

0
192
manmohan singh
Manmohan Singh: देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के समाधि स्थल को लेकर सियासत चरम पर है। ऐसे में दिल्ली में समाधि स्थल बनाने के क्या नियम हैं, कौन करता है इसका फैसला, जानिए इस बारे में सबकुछ।

Manmohan Singh: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (former Prime Minister of India Dr. Manmohan Singh) के आज उनकी जीवन की अंतिम यात्रा भी समाप्त हो गई। उनके पार्थिव शरीर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। वहीं, उनकी अंतिम विदाई से पहले ही उनके स्मारक के निर्माण को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस (Congress) का आरोप है कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए जगह नहीं ढूंढ पा रही है, यह उनका अपमान है। वहीं, कांग्रेस के इस बयान पर सरकार ने कांग्रेस पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के निर्माण के लिए उपयुक्त जगह ढूंढने की प्रक्रिया चल रही है। इसमें कुछ दिन लगेंगे। देश के कई पूर्व प्रधानमंत्रियों की समाधि दिल्ली में बनी है, जबकि कुछ पूर्व प्रधानमंत्रियों को दिल्ली में समाधि स्थल के लिए जगह नहीं मिली। समाधि स्थल को लेकर चल रही इस राजनीति के बीच सवाल उठता है कि देश में दिवंगत प्रधानमंत्रियों के स्मारक बनाने की प्रक्रिया क्या है और इसे लेकर क्या नियम हैं?

किसका समाधि स्थल बनाया जा सकता है?
दिल्ली (Delhi) में समाधि स्थल बनाने के लिए कुछ खास नियम और प्रक्रियाएं हैं, जो भारत सरकार द्वारा निर्धारित हैं और उनका अनुपालन सुनिश्चित करता है कि केवल एक विशिष्ट श्रेणी के महान नेताओं और हस्तियों के लिए ही राष्ट्रीय महत्व का समाधि स्थल बनाया जाएगा। तो ऐसे में सवाल उठता है कि इस श्रेणी में कौन-कौन लोग शामिल हैं जिनकी समाधि बनाई जाती है? आपको बता दें कि इस श्रेणी में चार लोग आते हैं। जिसमें 1. भारत के राष्ट्रपति, 2. भारत के प्रधानमंत्री, 3. उप प्रधानमंत्री, 4. राष्ट्रीय महत्व की अन्य हस्तियां शामिल हैं।

समाधि स्थल को कौन मंजूरी देता है
दिल्ली के राजघाट परिसर में और उसके आसपास इन महत्वपूर्ण व्यक्तियों के समाधि स्थल बनाए जाते हैं, क्योंकि यह राष्ट्रीय स्मारक स्थल के रूप में स्थापित है, लेकिन राजघाट में जगह सीमित है, जिसके कारण समाधि स्थल का चयन केवल महत्वपूर्ण व्यक्तियों के लिए ही किया जाता है। इसके निर्माण के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी जरूरी होती है। केंद्र सरकार ही तय करती है कि राजघाट परिसर में दिवंगत नेता का समाधि स्थल बनाया जाएगा या नहीं।

जानिए क्या हैं नियम और प्रक्रिया
समाधि स्थल केवल उन्हीं नेताओं के लिए बनाए जाते हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय और ऐतिहासिक महत्व का योगदान दिया हो। आमतौर पर यह सम्मान उन्हीं नेताओं को मिलता है, जिनका योगदान असाधारण और सर्वमान्य होता है। राजघाट और इससे जुड़े समाधि स्थलों का प्रशासन राजघाट क्षेत्र समिति के अंतर्गत आता है। यह समिति संस्कृति मंत्रालय के लिए जिम्मेदार है। समाधि स्थल के लिए निर्णय लेने में यह समिति स्थान की उपलब्धता, व्यक्ति के योगदान और मौजूदा नीतियों का मूल्यांकन करती है, फिर संस्कृति मंत्रालय समाधि स्थल के निर्माण के प्रस्ताव की समीक्षा करता है और फिर प्रस्ताव भेजता है।

कई मंत्रालयों से गुजरने के बाद मिलती है मंजूरी
इसके बाद समाधि के निर्माण की प्रक्रिया केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों से होकर गुजरती है, जिसमें संस्कृति मंत्रालय समाधि स्थल के निर्माण और संरक्षण का प्रबंधन करता है। वहीं, आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय इसके लिए भूमि आवंटन और निर्माण योजना में सहयोग करता है और फिर गृह मंत्रालय समाधि स्थल के निर्माण के लिए सुरक्षा और राजकीय सम्मान की प्रक्रिया सुनिश्चित करता है। इसके बाद समाधि के निर्माण के लिए भूमि का चयन और मंजूरी दिल्ली विकास प्राधिकरण और राजघाट क्षेत्र समिति के माध्यम से होती है। इन सभी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद किसी की समाधि के निर्माण को मंजूरी मिलती है। 2013 में बदला गया था नियम

2013 में राजघाट परिसर में समाधि स्थल बनाने की नीति में बदलाव किया गया था। उस समय यह सुनिश्चित किया गया था कि समाधि स्थल केवल अति विशिष्ट और राष्ट्रीय स्तर पर योगदान देने वाले नेताओं के लिए ही बनाए जाएं। इसके पीछे वहां की भूमि का संतुलित उपयोग और पर्यावरण संरक्षण को कारण बताया गया था।

ये भी पढ़ें-:
BPSC आयोग का बड़ा ऐलान, किसी भी हाल में रद्द नहीं होगी Exam

BPSC Protest: BPSC एक्जाम रद्द करने को लेकर प्रदर्शन, छात्रों के साथ सड़क पर उतरे खान सर

Attitude Shayari in Hindi: आप के लिए शानदार शायरी, Social Media पर पोस्ट कर अलग पहचान बनाएं

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here