Ratan Tata Death: रतन टाटा का 86 की उम्र में निधन, आज शाम 4 बजे अंतिम संस्कार

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Ratan Tata Death: भारत के मशहूर उद्योगपति और टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata, chairman of Tata Group) का बुधवार देर रात निधन हो गया। आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। जानते हैं कि पारसी समुदाय में अंतिम संस्कार की क्या प्रक्रिया है।

Ratan Tata Death: भारत के मशहूर उद्योगपति और टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata, chairman of Tata Group) का 86 साल की उम्र में निधन से पूरा देश शोक में डूब गया है। उनके निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू हो गई हैं। रतन टाटा पारसी समुदाय से ताल्लुक रखते थे। हालांकि बताया गया है कि उनका अंतिम संस्कार हिंदू परंपराओं के अनुसार श्मशान घाट में किया जाएगा।

आज शाम 4 बजे वर्ली श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। हालांकि, पारसी धर्म में अंतिम संस्कार की विधि बिल्कुल अलग है। आइए जानते हैं कि पारसी समुदाय में अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है।

पारसी समुदाय में अंतिम संस्कार की परंपरा
पारसी समुदाय में अंतिम संस्कार की परंपराएं बहुत पुरानी और अनोखी हैं। इस समुदाय में शव का न तो दाह संस्कार किया जाता है और न ही दफनाया जाता है। पारसी मानते हैं कि मृत्यु के बाद शव को प्रकृति में वापस कर देना चाहिए। इसलिए वे अपने मृतकों को ‘टॉवर ऑफ साइलेंस’ या ‘दखमा’ नामक एक खास चीज में रखते हैं।

क्या है ‘टॉवर ऑफ साइलेंस’?
टॉवर ऑफ साइलेंस एक खुली, गोल संरचना है, जिसके बीच में एक गड्ढा होता है। मृतकों के शवों को इसी गड्ढे में रखा जाता है। आसपास के पक्षी इन शवों को खाते हैं और इस तरह शव को प्रकृति में वापस कर दिया जाता है। दरअसल, पारसी मानते हैं कि आकाश, धरती और अग्नि पवित्र हैं, इसलिए शव को इनमें से किसी के साथ नहीं मिलाना चाहिए। पारसी समुदाय का यह तरीका पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसमें किसी तरह के रसायन या प्रदूषण का इस्तेमाल नहीं किया जाता। हालांकि, अब बहुत कम लोग इस पुरानी परंपरा को अपना रहे हैं।

कहां कर सकते हैं अंतिम दर्शन?
रतन टाटा का पार्थिव शरीर कोलाबा स्थित उनके घर लाया गया है। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स हॉल (National Centre for Performing Arts Hall, Mumbai) में रखा जाएगा. जहां आम लोग सुबह 10 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे. अंतिम संस्कार के बाद रतन टाटा के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए वर्ली श्मशान घाट लाया जाएगा. आपको बता दें कि साइरस मिस्त्री का अंतिम संस्कार भी यहीं किया गया था. मुंबई पुलिस की ऑनर गार्ड टीम ने Media को बताया कि रतन टाटा को उनके घर के बाहर सलामी दी जाएगी. गौरतलब है कि मुंबई पुलिस बैंड में कुल 23 लोग हैं. 23 लोगों में से 21 लोग बैंड के अलग-अलग वाद्य यंत्र बजाते हैं और दो गार्ड होते हैं. यहीं पर रतन टाटा के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा जाएगा.

PM मोदी-राहुल गांधी और सुंदर पिचाई समेत बिजनेस घरानों ने शोक जताया

टाटा चेयरमैन एन चंद्रशेखरन: हम अत्यंत दुख के साथ रतन टाटा को विदाई दे रहे हैं। समूह के लिए टाटा एक चेयरपर्सन से कहीं ज्यादा थे। मेरे लिए वे एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू: भारत ने एक ऐसे आइकॉन को खो दिया है, जिन्होंने कॉर्पोरेट ग्रोथ, राष्ट्र निर्माण और नैतिकता के साथ उत्कृष्टता का मिश्रण किया। पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित रतन टाटा ने टाटा ग्रुप की विरासत को आगे बढ़ाया है।

PM नरेंद्र मोदी: टाटा एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक टाटा ग्रुप को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। उनका योगदान बोर्ड रूम से कहीं आगे तक गया।

राहुल गांधी: रतन टाटा दूरदृष्टि वाले व्यक्ति थे। उन्होंने बिजनेस और परोपकार दोनों पर कभी न मिटने वाली छाप छोड़ी है। उनके परिवार और टाटा कम्युनिटी के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।

मुकेश अंबानी: ये भारत के लिए बहुत दुखद दिन है। रतन टाटा का जाना ना सिर्फ टाटा ग्रुप, बल्कि हर भारतीय के लिए बड़ा नुकसान है। व्यक्तिगत तौर पर रतन टाटा का जाना मुझे बहुत दुख से भर गया है, क्योंकि मैंने अपना दोस्त खो दिया है।

गौतम अडाणी: भारत ने एक महान और दूरदर्शी व्यक्ति खो दिया है। टाटा ने मॉडर्न इंडिया के पाथ को रीडिफाइन किया। टाटा सिर्फ एक बिजनेस लीडर नहीं थे, उन्होंने करुणा के साथ भारत की भावना को मूर्त रूप दिया।

आनंद महिंद्रा: मैं रतन टाटा की अनुपस्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं। रतन टाटा को भुलाया नहीं जा सकेगा, क्योंकि महापुरुष कभी नहीं मरते।

सुंदर पिचाई: रतन टाटा से पिछली मुलाकात के दौरान उनका विजन सुनना मेरे लिए प्रेरणादायक था। वे एक्स्ट्राऑर्डिनरी बिजनेस लीगेसी छोड़ गए हैं। उन्होंने भारत में मॉडर्न बिजनेस लीडरशिप को मार्गदर्शन देने और डेवलप करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

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